सुकेतू मेहता की चर्चित किताब 'मैक्सिमम सिटी' में एक मज़ेदार किस्सा है. ये 'मिशन कश्मीर' की शूटिंग के समय की बात है. "फ़िल्म के निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा के प्रोडक्शन ऑफ़िस में एक दिन तड़के फोन आता है कि 'अबु सालेम ने उन्हें याद किया है.' शाम तक रिटर्न कॉल नहीं किए जाने पर दोबारा फ़ोन कर धमकाया जाता है कि 'उसका भेजा उड़ा दिया जाएगा.' मुंबई में फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए ये खौफ़ भरा समय है." "उनके दोस्त मनमोहन शेट्टी पर हाल ही में अंडरवर्ल्ड का हमला हो चुका है. राकेश रोशन पर गोलियाँ चलाई गईं. गुलशन कुमार की दिनदहाड़े हत्या को भी ज़्यादा वक्त नहीं बीता. डरे हुए विनोद चोपड़ा हर शुभचिंतक को फ़ोन लगाते हैं और देश के गृहमंत्री एलके आडवाणी तक जा पहुँचते हैं. उन्हें व्यवस्था द्वारा हर किस्म की सुरक्षा का वादा किया जाता है." लेकिन अगले दिन सुकेतू मेहता विनोद को तनावरहित पाते हैं. उन्हें एक और कॉल आया है जिसमें उन्हें कहा गया कि 'आप तो हमारे भाई जैसे हो.' चहकते विनोद चोपड़ा लेखक को बताते हैं कि ये चमत्कार गृहमंत्री आडवाणी जी का नहीं, उनक